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CBSE Class 7 Hindi Vasant MCQ
Khanpan Ki Badalti Tasveer
with Answers
Question :‘पेड़े’ कहाँ के प्रसिद्ध है?
(a) हरियाणा के
(b) पटना के
(c) लखनऊ के
(d) मथुरा के
Answer : (d) मथुरा केShow Answer :
Question : ‘पेठा’ कहाँ का व्यंजन माना जाता है?
(a) आगरा
(b) दिल्ली
(c) मथुरा
(d) मुम्बई
Answer : (b) दिल्लीShow Answer :
Question : ‘छोले भटूरे’ कहाँ का व्यंजन माना जाता है?
(a) आगरा
(b) दिल्ली
(c) मथुरा
(d) मुम्बई
Answer : (b) दिल्लीShow Answer :
Question : खान-पान की तसवीर क्यों बदली?
(a) उद्योग धंधों के कारण
(b) नौकरियों में तबादलों के कारण
(c) आवागमन के साधनों के कारण
(d) उपर्युक्त सभी द.थन सत्य हैं
Answer : (d) उपर्युक्त सभी द.थन सत्य हैंShow Answer :
Question : खान-पान की मिश्रित संस्कृति क्या है?
(a) एक साथ विभिन्न क्षेत्रों के व्यजनों का होना
(b) सब चीज इकट्ठे करके खाना
(c) सबका मिल-जुलकर भोजन करना
(d) प्रीतिभोज का आयोजन करना
Answer : (a) एक साथ विभिन्न क्षेत्रों के व्यजनों का होनाShow Answer :
Question : बम्बई का कौन-सा व्यंजन प्रसिद्ध है?
(a) दही बड़ा
(b) पाव-भाजी
(c) ढोकला
(d) रसगुल्ला
Answer : (b) पाव-भाजीShow Answer :
Question : ढोकला-गठिया कहाँ का व्यंजन है?
(a) महाराष्ट्र का
(b) पंजाब का
(c) गुजरात का
(d) बिहार का
Answer : (c) गुजरात काShow Answer :
Question : दाल-रोटी- साग कहाँ का व्यंजन है?
(a) नेपाल का
(b) श्रीलंका का
(c) उत्तर भारत का
(d) दक्षिण भारत का
Answer : (c) उत्तर भारत काShow Answer :
Question : इडली-डोसा-बड़ा-साँभर रसम किस क्षेत्र के व्यंजन हैं?
(a) दक्षिण कोरिया
(b) दक्षिण भारत
(c) पश्चिमी भारत
(d) जापान
Answer : (b) दक्षिण भारतShow Answer :
Question : ‘खान-पान की बदलती तसवीर’ पाठ के लेखक कौन हैं?
(a) प्रयाग शुक्ल
(b) विनीता पाण्डेय
(c) शिवप्रसाद सिंह
(d) यतीश अग्रवाल
Answer : (a) प्रयाग शुक्लShow Answer :
गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न-निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यान पूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए.
(1)
पिछले दस-पंद्रह वर्षों में हमारी खान-पान की संस्कृति में एक बड़ा बदलाव आया है। इडली-डोसा-बड़ा-साँभर-रसम अब केवल दक्षिण भारत तक सीमित नहीं हैं। ये उत्तर भारत के भी हर शहर में उपलब्ध हैं और अब तो उत्तर भारती की ‘ढाबा’ संस्कृति लगभग पूरे देश में फेल चुकी है। अब आप कहीं भी हों. उत्तर भारतीय रोटी-दाल-साग आपको मिल ही जाएँगे। ‘फास्ट फूड’ (तुरंत भोजन) का चलन भी बड़े शहरों में खूब चढ़ा है। इस ‘फास्ट फूड’ में वर्गर, नूडल्स जैसी कई चीजें शामिल हैं। एक ज़माने में कुछ ही लोगों तक सीमित ‘चाइनीज नूडल्स’ अब संभवतः किसी के लिए अजनबी नहीं रहे।
‘टू मिनट्स नूडल्स’ के पैकेटबंद रूप से तो कम-से-कम बच्चे-बूढ़े सभी परिचित हो चुके हैं। इसी तरह नमकीन के कई स्थानीय प्रकार अभी तक भले मौजूद हों, लेकिन आलू-चिप्स के कई विज्ञापित रूप तेज़ी से घर-ब अपनी जगह बनाते जा रहे हैं।
Question :यहाँ लेखक किस संस्कृति की बात कर रहा है?
(a) खान-पान
(b) बोलचाल
(c) पहनावा
(d) दिखावा
Answer : (a) खान-पानShow Answer :
Question : उत्तर भारत की कौन-सी संस्कृति पूरे भारत में फैल गई है?
(a) पहनावा संस्कृति
(b) ढाबा संस्कृति
(c) होटल संस्कृति
(d) बोलचाल की संस्कृति
Answer : (b) ढाबा संस्कृतिShow Answer :
Question : ‘बर्गर, नूडल्स’ जैसी चीजें कैसे भोजन की श्रेणी में आती है?
(a) पौष्टिक भोजन
(b) गरिष्ठ भोजन
(c) सस्ता भोजन
(d) फ़ास्ट फूड
Answer : (d) फ़ास्ट फूडShow Answer :
Question : नमकीन का स्थान किन चीजों ने ले लिया है?
(a) मीठी चीजों ने
(b) पकौड़ा-समोसा ने
(c) आलू-चिप्स ने
(d) चाइनीज फूड ने
Answer : (c) आलू-चिप्स नेShow Answer :
Question : ‘स्थानीय’ शब्द में प्रत्यय होगा?
(a) स्थान
(b) स्था
(c) नीय
(d) ईय
Answer : (d) ईयShow Answer :
(2)
कुछ चीजें और भी हुई हैं। मसलन अंग्रेजी राज तक जो ब्रेड केवल साहबी ठिकानों तक सीमित थी, वह कस्बों तक पहुँच चुकी है और नाश्ते के रूप में लाखों-करोड़ों भारतीय घरों में सेंकी-तली जा रही है। खानपान की इस बदली हुई संस्कृति से सबसे अधिक प्रभावित नयी पीढ़ी हुई है, जो पहले के स्थानीय व्यंजनों के बारे में बहुत कम जानती है, पर कई नए व्यंजनों के बारे में बहुत कुछ जानती है। स्थानीय व्यंजन भी तो अब घटकर कुछ ही चीज़ों तक सीमित रह गए हैं। बंबई की पाव-भाजी और दिल्ली के छोले-कुलचों की दुनिया पहले की तुलना में बड़ी ज़रूर है, पर अन्य स्थानीय व्यंजनों की दुनिया में छोटी हुई है। जानकार ये भी बताते हैं कि मथुरा के पेड़ों और आगरा के पेठे-नमकीन में अब वह बात कहाँ रही! यानी जो चीजें बची भी हुई हैं, उनकी गुणवत्ता में फ़र्क पड़ा है। फिर मौसम और ऋतुओं के अनुसार फलों-खाद्यान्नों से जो व्यंजन और पकवान बना करते थे, उन्हें बनाने की फुरसत भी अब कितने लोगों को रह गई है। अब गृहिणियों या कामकाजी महिलाओं के लिए खरबूजे के बीज सुखाना-छीलना और फिर उनसे व्यंजन तैयार करना सचमुच दुःसाध्य है।
Question :अंग्रेजी राज में ब्रेड किन लोगों तक सीमित थी?
(a) गरीबों तक
(b) विद्यार्थियों तक
(c) व्यापारियों तक
(d) साहब लोगों तक
Answer : (d) साहब लोगों तकShow Answer :
Question : खान-पान की बदलती संस्कृति से कौन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है?
(a) वृद्ध लोग
(b) नई पीढ़ी के लोग
(c) महिलाएँ
(d) शिक्षित वर्ग
Answer : (b) नई पीढ़ी के लोगShow Answer :
Question : पेड़े कहाँ के प्रसिद्ध होते हैं?
(a) बनारस
(b) मुंबई
(c) मथुरा
(d) आगरा
Answer : (c) मथुराShow Answer :
Question : हमारे घरों में मौसम और ऋतुओं के अनुसार पकवान अब क्यों नहीं बनते?
(a) साधनों की कमी के कारण
(b) अज्ञानता के कारण
(c) आलस्य के कारण
(d) फुरसत न मिलने के कारण
Answer : (d) फुरसत न मिलने के कारणShow Answer :
Question : ‘सुखाना-छीलना’ में समास है?
(a) द्वंद्व समास
(b) द्विगु समास
(c) कर्मधारय समाज
(d) तत्पुरुष समाज
Answer : (a) द्वंद्व समासShow Answer :
(3)
खान-पान की जो एक मिश्रित संस्कृति बनी है, इसके अपने सकारात्मक पक्ष भी हैं। गृहिणियों और कामकाजी महिलाओं को अब जल्दी तैयार हो जानेवाले विविध व्यंजनों की विधियाँ उपलब्ध हैं। नयी पीढ़ी को देश-विदेश के व्यंजनों को जानने का सुयोग मिला है- भले ही किन्हीं कारणों से और किन्हीं खास रूपों में (क्योंकि यह भी एक सच्चाई है कि वे विविध व्यंजन इन्हें निखालिस रूप में उपलब्ध नहीं हैं)।
आज़ादी के बाद उद्योग-धंधों, नौकरियों-तबादलों का जो एक नया विस्तार हुआ है, उसके कारण भी खानपान की चीजें किसी एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में पहुँची हैं। बड़े शहरों के मध्यवर्गीय स्कूलों में जब दोपहर के ‘टिफिन’ के वक्त बच्चों के टिफिन-डिब्बे खुलते हैं तो उनसे विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों की एक खुशबू उठती है।
>Question :खान-पान की मिश्रित संस्कृति का सकारात्मक पक्ष क्या है?
(a) महिलाओं को जल्दी तैयार होने वाले व्यंजनों की विधियों का पता चलना
(b) धन की बचत
(c) चिकित्सा पर व्यय में कमी
(d) विद्यार्थियों के लिए उपयोगी
Answer : (a) महिलाओं को जल्दी तैयार होने वाले व्यंजनों की विधियों का पता चलनाShow Answer :
Question : खान-पान की मिश्रित संस्कृति का क्या कारण है?
(a) उद्योग-धंधों की स्थापना
(b) नौकरियों व तबादलों का होना
(c) आवागमन के साधन
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
Answer : (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैंShow Answer :
Question : मिश्रित संस्कृति का सबसे अधिक प्रसार किनके कारण हुआ?
(a) नौकरीपेशा लोगों के कारण
(b) विद्यार्थियों के कारण
(c) मजदूरों के कारण
(d) व्यापारियों के कारण
Answer : (b) विद्यार्थियों के कारणShow Answer :
Question : “मिश्रित’ में प्रत्यय होगा-
(a) श्रित
(b) इत
(c) ईत
(d) मिश्र
Answer : (b) इतShow Answer :
Question : “विस्तार’ का विलोम होगा
(a) संकुचन
(b) संकोच
(c) छोटा
(d) लघु
Answer : (b) संकोचShow Answer :
(4)
हम खान-पान से भी एक-दूसरे को जानते हैं। इस दृष्टि से देखें तो खान-पान की नयी संस्कृति में हमें राष्ट्रीय एकता के लिए नए बीज भी मिल सकते हैं। बीज भली-भाँति तभी अंकुरित होंगे जब हम खान-पान से जुड़ी हुई दूसरी चीज़ों की ओर भी ध्यान देंगे। मसलन हम उस बोली-बानी, भाषा-भूषा आदि को भी किसी-न-किसी रूप में ज़्यादा जानेंगे, जो किसी खानपान-विशेष से जुड़ी हुई है।
इसी के साथ ध्यान देने की बात यह है कि ‘स्थानीय’ व्यंजनों का पुनरुद्धार भी ज़रूरी है जिन्हें अब ‘एथनिक’ कहकर पुकारने का चलन बढ़ा है। ऐसे स्थानीय व्यंजन केवल पाँच सितारा होटलों के प्रचारार्थ नहीं छोड़ दिए जाने चाहिए। पाँच सितारा होटलों में वे कभी-कभार मिलते रहें, पर घरों-बाजारों से गायब हो जाएँ तो यह एक दुर्भाग्य ही होगा। अच्छी तरह बनाई-पकाई गई पूड़ियाँ-कचौड़ियाँ-जलेबियाँ भी अब बाज़ारों से गायब हो रही हैं। मौसमी सब्जियों से भरे हुए समोसे भी अब कहाँ मिलते हैं? उत्तर भारत में उपलब्ध व्यंजनों की भी दुर्गति हो रही है।
Question :खान-पान की नयी संस्कृति से हमें किसके लिए बीज मिलते हैं?
(a) खेतों के लिए
(b) फलों के लिए
(c) शिक्षा के लिए
(d) राष्ट्रीय एकता के लिए
Answer : (d) राष्ट्रीय एकता के लिएShow Answer :
Question : खान-पान की संस्कृति से राष्ट्रीय एकता के लिए बीज कब अंकुरित होंगे?
(a) जब हम खान-पान विशेष से जुड़ी अन्य बातों पर ध्यान देंगे
(b) जब हम खेत में अच्छी प्रकार बीज बोएँगे
(c) जब हम पूरे देश में एक जैसी संस्कृति लागू करेंगे
(d) जब हम सबका एक जैसा पहनावा होगा
Answer : (a) जब हम खान-पान विशेष से जुड़ी अन्य बातों पर ध्यान देंगेShow Answer :
Question : लेखक का स्थानीय व्यंजनों से क्या आशय है?
(a) वे व्यंजन जो किसी विशेष स्थान पर बनाते हैं
(b) वे व्यंजन जो परंपरागत रूप से किसी क्षेत्र विशेष की पहचान कराते हैं
(c) वे व्यंजन जो आसानी से मिल जाते हैं
(d) वे व्यंजन जो विवाह-समारोह आदि में बनते हैं
Answer : (b) वे व्यंजन जो परंपरागत रूप से किसी क्षेत्र विशेष की पहचान कराते हैंShow Answer :
Question : ‘दुर्भाग्य’ का विलोम होगा
(a) कुभाग्य
(b) भाग्यहीन
(c) सौभाग्य
(d) भाग्यवादी
Answer : (c) सौभाग्यShow Answer :
Question : निम्नलिखित में से कौन से शब्द में ‘नुर’ उपसर्ग नहीं है?
(a) दुर्भाग्य
(b) दुत्कारना
(c) दुरात्मा
(d) दुर्गति
Answer : (b) दुत्कारनाShow Answer :
Question :‘खानपान की बदलती तसवीर’ नामक पाठ के लेखक के नाम बताएँ।
(a) रामचंद्र शुक्ल
(b) शिवप्रसाद सिंह
(c) प्रयाग शुक्ल
(d) विजय तेंदुलकर।
Answer : (c) प्रयाग शुक्लShow Answer :
Question : खानपान की संस्कृति में बड़ा बदलाव कब से आया?
(a) पाँच-सात वर्षों में
(b) आठ-दस वर्षों में
(c) दस-पंद्रह वर्षों में
(d) पंद्रह-बीस वर्षों में
Answer : (c) दस-पंद्रह वर्षों मेंShow Answer :
Question : युवा पीढ़ी इनमें से किसके बारे में बहुत अधिक जानती है?
(a) स्थानीय व्यंजन
(b) नए व्यंजन
(c) खानपान की संस्कृति
(d) इनमें से कोई नहीं।
Answer : (c) खानपान की संस्कृतिShow Answer :
Question : ढाबा संस्कृति कहाँ तक फैल चुकी है?
(a) दक्षिण भारत
(b) उत्तर भारत तक
(c) पूरे देश में
(d) कहीं नहीं।
Answer : (d) कहीं नहीं।Show Answer :
Question : पाव-भाजी किस प्रांत का स्थानीय व्यंजन है?
(a) राजस्थान
(b) महाराष्ट्र
(c) गुजरात
(d) मध्य प्रदेश।
Answer : (b) महाराष्ट्रShow Answer :
Question : किसी स्थान का खान-पान भिन्न क्यों होता है?
(a) मौसम के अनुसार, मिलने वाले खाद्य पदार्थ
(b) रुचि के आधार पर
(c) आसानी से वस्तुओं की उपलब्धता
(d) उपर्युक्त सभी
Answer : (d) उपर्युक्त सभीShow Answer :
Question : इनमें से किसे फास्ट फूड के नाम से जाना जाता है।
(a) सेव
(b) रोटी
(c) दाल
(d) बर्गर
Answer : (d) बर्गरShow Answer :
(5)
पिछले दस-पंद्रह वर्षों से हमारी खानपान की संस्कृति में एक बड़ा बदलाव आया है। इडली-डोसा-बड़ा-साँभर-रसम अब केवल दक्षिण भारत तक सीमित नहीं हैं। ये उत्तर भारत के भी हर शहर में उपलब्ध हैं और अब तो उत्तर भारत की ‘ढाबा’ संस्कृति लगभग पूरे देश में फैल चुकी है। अब आप कहीं भी हों, उत्तर भारतीय रोटी-दाल-साग आपको मिल ही जाएँगे। ‘फ़ास्ट फूड’ (तुरंत भोजन) का चलन भी बड़े शहरों में खूब बढ़ा है। इस ‘फ़ास्ट फ़ूड’ में बर्गर, नूडल्स जैसी कई चीजें शामिल हैं। एक ज़माने में कुछ ही लोगों तक सीमित ‘चाइनीज़ नूडल्स’ अब संभवतः किसी के लिए अजनबी नहीं रहें।
Question :किस बात में बदलाव आया है?
(a) वेशभूषा में
(b) सोचने-विचारने में
(c) खानपान की संस्कृति में
(d) उपर्युक्त सभी
Answer : (a) वेशभूषा मेंShow Answer :
Question : खान-पान की संस्कृति में बदलाव कितने वर्षों में आया?
(a) पाँच-सात वर्षों में
(b) दस-पंद्रह वर्षों में
(c) पंद्रह-बीस वर्षों में
(d) बीस-पच्चीस वर्षों में
Answer : (b) दस-पंद्रह वर्षों मेंShow Answer :
Question : ‘ढाबा संस्कृति’ कहाँ तक फैल चुकी है?
(a) पूरे देश में
(b) दक्षिण भारत तक
(c) उत्तर भारत तक
(d) पूरे विश्व में
Answer : (a) पूरे देश मेंShow Answer :
Question : बड़े शहरों में किसका प्रचलन बढ़ा है?
(a) फ़ास्ट फूड का
(b) साँभर-डोसा का
(c) दाल रोटी का
(d) खान-पान का
Answer : (a) फ़ास्ट फूड काShow Answer :
Question : ‘उत्तर भारत की ढाबा’ संस्कृति पर क्या परिणाम हुआ है?
(a) पूरी तरह समाप्त हो गई
(b) पूरे देश में फैल गई है
(c) सीमित जगहों पर ही उपलब्ध है
(d) कोई परिवर्तन नहीं हुआ
Answer : (b) पूरे देश में फैल गई हैShow Answer :
Question : उपरोक्त गद्यांश के पाठ और उसके लेखक का नाम बताइए।
(a) खानपान की बदलती तस्वीर – रामचंद्र शुक्ल
(b) खानपान की बदलती तस्वीर – विजय तेंदुलकर
(c) खानपान की बदलती तस्वीर – प्रयाग शुक्ल
(d) खानपान की बदलती तस्वीर – भवानीप्रसाद मिश्र।
Answer : (c) खानपान की बदलती तस्वीर – प्रयाग शुक्लShow Answer :
(6)
स्थानीय व्यंजन भी तो अब घटकर कुछ ही चीज़ों तक सीमित रह गए हैं। बंबई की पाव-भाजी और दिल्ली के छोले-कुलचों की दुनिया पहले की तुलना में बढ़ी ज़रूर है, पर अन्य स्थानीय व्यंजनों की दुनिया में छोटी हुई है। जानकार ये भी बताते हैं कि मथुरा के पेड़ों और आगरा के पेठे-नमकीन में अब वह बात कहाँ रही! यानी जो चीजें बची भी हुई हैं, उनकी गुणवत्ता में फ़र्क पड़ा है। फिर मौसम और ऋतुओं के अनुसार फलों-खाद्यान्नों से जो व्यंजन और पकवान बना करते थे, उन्हें बनाने की फुरसत भी अब कितने लोगों को रह गई है। अब गृहिणियों या कामकाजी महिलाओं के लिए खरबूजे के बीज सुखाना-छीलना और फिर उनसे व्यंजन तैयार करना सचमुच दुस्साध्य है?
Question :नई पीढ़ी को स्थानीय व्यंजनों से किस प्रकार ज्ञान का प्राप्त था?
(a) रुचि के साथ खाने का
(b) उन्हें गहराई तक जानती समझती है
(c) बहुत कम जानकारी है
(d) जानने की जिज्ञासा नहीं है।
Answer : (c) बहुत कम जानकारी हैShow Answer :
Question : खानपान की बदलती संस्कृति ने किसे अधिक प्रभावित किया।
(a) सभी को
(b) पुरानी पीढ़ी को
(c) किसी को नहीं
(d) नई पीढ़ी को।
Answer : (d) नई पीढ़ी को।Show Answer :
Question : युवा पीढ़ी इनमें से किसके बारे में अधिक जानती है?
(a) स्थानीय व्यंजन को
(b) नए व्यंजनों को
(c) खानपान की संस्कृति के बारे में
(d) इनमें से कोई नहीं।
Answer : (b) नए व्यंजनों कोShow Answer :
Question : मुंबई की क्या चीज़ लोकप्रिय खान-पान में है?
(a) छोले-भठूरे
(b) दाल-रोटी
(c) इडली-डोसा
(d) पाव भाजी।
Answer : (d) पाव भाजी।Show Answer :
Question : खानपान की चीजों की किस बात में अंतर आया है?
(a) गुणवत्ता में
(b) स्वाद में
(c) दोनों में
(d) इनमें से कोई नहीं
Answer : (c) दोनों मेंShow Answer :
Question : भारतीय शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय इनमें से कौन-सा है?
(a) य
(b) तीय
(c) इय
(d) ईय।
Answer : (d) ईय।Show Answer :
(7)
हम खानपान से भी एक-दूसरे को जानते हैं। इस दृष्टि से देखें तो खानपान की नई संस्कृति में हमें राष्ट्रीय एकता के लिए नए बीज भी मिल सकते हैं। बीज भलीभाँति अंकुरित होंगे जब हम खानपान से जुड़ी हुई दूसरी चीजों की ओर भी ध्यान देंगे। मसलन हम उस बोली-बानी, भाषा-भूषा आदि को भी किसी-न-किसी रूप में ज्यादा जानेंगे, जो किसी खानपान-विशेष से जुड़ी हुई है। इसी के साथ ध्यान देने की बात यह है कि ‘स्थानीय’ व्यंजनों का पुनरुद्धार भी ज़रूरी है जिन्हें अब ‘एथनिक’ कहकर पुकारने का चलन है। ऐसे स्थानीय व्यंजन केवल पाँच सितारा होटलों के प्रचारार्थ नहीं छोड़ दिए जाने चाहिए। पाँच सितारा होटलों में वे कभीकभार मिलते रहें, पर घरों-बाज़ारों से गायब हो जाएँ तो यह एक दुर्भाग्य ही होगा। अच्छी तरह बनाई-पकाई गई पूड़ियाँ-कचौड़ियाँजलेबियाँ भी अब बाज़ारों से गायब हो रही हैं। मौसमी सब्जियों से भरे हुए समोसे भी अब कहाँ मिलते हैं ? उत्तर भारत में उपलब्ध व्यंजनों की भी दुर्गति हो रही है?
Question :खानपान की नई संस्कृति का सबसे अधिक प्रभाव किस पर पड़ता है?
(a) सांस्कृतिक एकजुटता पर
(b) राष्ट्रीय एकता पर
(c) खानपान का नया स्वरूप
(d) इनमें से कोई नहीं।
Answer : (b) राष्ट्रीय एकता परShow Answer :
Question : खानपान के अलावे किन चीज़ों का अनुसरण किया जाता है?
(a) भाषा और बोली
(b) वेशभूषा
(c) रहन-सहन
(d) उपर्युक्त सभी।
Answer : (d) उपर्युक्त सभी।Show Answer :
Question : किसका पुनरुद्धार जरूरी है?
(a) स्थानीय व्यंजनों का
(b) नए व्यंजनों
(c) एथनिक
(d) किसी का नहीं।
Answer : (a) स्थानीय व्यंजनों काShow Answer :
Question : ‘बोली और भाषा’ राष्ट्रीय एकता को कैसे प्रभावित करते हैं-
(a) सभी लोग एक-दूसरे की भाषा जान जाते हैं
(b) एक-दूसरे प्रांत के लोग भावों और विचारों को समझने लगते हैं
(c) एक दूसरे की जान पहचान बढ़ जाती है
(d) एक प्रांत से दूसरे प्रांत में जा सकते हैं।
Answer : (b) एक-दूसरे प्रांत के लोग भावों और विचारों को समझने लगते हैंShow Answer :
Question : मौसमी सब्जियाँ-रेखांकित शब्द क्या हैं ?
(a) संज्ञा
(b) सर्वनाम
(c) विशेषण
(d) क्रिया
Answer : (c) विशेषणShow Answer :
(8)
खानपान की मिश्रित संस्कृति में हम कई बार चीज़ों का असली और अलग स्वाद नहीं ले पा रहे। अकसर प्रीतिभोजों और पार्टियों में एक साथ ढेरों चीजें रख दी जाती हैं और उनका स्वाद गड्डमड्ड होता रहता है। खानपान की मिश्रित या विविध संस्कृति हमें कुछ चीजें चुनने का अवसर देती हैं, हम उसका लाभ प्रायः नहीं उठा रहे हैं। हम अकसर एक ही प्लेट में कई तरह के और कई बार तो बिलकुल विपरीत प्रकृतिवाले व्यंजन परोस लेना चाहते हैं।
Question :उपरोक्त गद्यांश के पाठ का नाम इनमें से कौन-सा है?
(a) खानपान की संस्कृति
(b) खानपान की नई संस्कृति
(c) खानपान की बदलती तस्वीर
(d) खानपान की तस्वीर।
Answer : (c) खानपान की बदलती तस्वीरShow Answer :
Question : खानपान की मिश्रित संस्कृति का प्रभाव क्या पड़ता है?
(a) व्यंजनों का उपलब्ध न होना
(b) व्यंजनों का असली स्वाद न ले पाना
(c) स्थानीय व्यंजनों का महत्त्व बढ जाना
(d) उपर्युक्त सभी।
Answer : (b) व्यंजनों का असली स्वाद न ले पानाShow Answer :
Question : खानपान की मिश्रित संस्कृति ने हमें किसका मौका दिया है?
(a) अलग स्वाद लेने का
(b) दूर दराज़ जगहों के व्यंजनों की जानकारी का
(c) नए-नए व्यंजन चुनने का
(d) उपर्युक्त सभी।
Answer : (d) उपर्युक्त सभी।Show Answer :
Question : प्रीति भोजों और पार्टियों में एक साथ ढेरों चीजें एक साथ रख देने से क्या होता है?
(a) स्वाद परस्पर मिल जाता है
(b) चयन करने का मौका मिलता है
(c) खानेवालों का समय बच जाता है
(d) स्वाद बढ़ जाता है।
Answer : (a) स्वाद परस्पर मिल जाता हैShow Answer :
Question : प्रकृतिवाले में कौन सा ‘प्रत्यय’ है-
(a) ले
(b) वाले
(c) प्र
(d) ति
Answer : (b) वालेShow Answer :
(9)
बंबई की पाव-भाजी और दिल्ली के छोले-कुलचों की दुनिया पहले की तुलना में बड़ी ज़रूर है, पर अन्य स्थानीय व्यंजनों की दुनिया में छोटी हुई है। जानकार ये भी बताते हैं कि मथुरा के पेड़ों और आगरा के पेठे-नमकीन में अब वह बात कहाँ रही! यानी जो चीजें बची भी हुई हैं, उनकी गुणवत्ता में फ़र्क पड़ा है। फिर मौसम और ऋतुओं के अनुसार फलों-खाद्यान्नों से जो व्यंजन और पकवान बना करते थे, उन्हें बनाने की फुरसत भी अब कितने लोगों को रह गई है। अब गृहिणियों या कामकाजी महिलाओं के लिए खरबूज़ के बीच सुखाना-छीलना और फिर उनसे व्यंजन तैयार करना सचमुच दुस्साध्य है?
Question :वस्तुओं की गुणवत्ता में क्या और कैसे फ़र्क आया है?
Answer : वस्तुओं की गुणवत्ता में आज के दौर में काफ़ी अंतर आया है। पहले समय की वस्तुएँ शुद्ध, ताज़ी और स्वादिष्ट होती थीं लेकिन आज के समय में इंसानों का लालच बढ़ता जा रहा है जिसके कारण दुकानदार अधिक लाभ कमाने के चक्कर में मिलावटी समान बेचने लगे हैं। उदाहरणस्वरूप-मथुरा के पेड़े व आगरा के पेठे, नमकीन अब उतने स्वादिष्ट नहीं होते जितने की पहले होते थे।Show Answer :
Question : आज की गृहिणियों और कामकाजी महिलाओं के लिए क्या दुस्साध्य है?
Answer : आज की घरेलू व कामकाजी महिला अत्यधिक व्यस्त रहती है। उनके पास इतना समय नहीं कि पुरानी परिपाठी के अनुसार व्यंजन बना सकें। जैसे-खरबूजे के बीजों को धोना, सुखाना व छीलना, फिर उससे व्यंजन बनाना उनके लिए अत्यंत मुश्किल है।Show Answer :
Question : मौसमी फलों और खाद्यानों से बनाए जाने वाले कई व्यंजन अब नहीं बनाए जाते हैं, क्यों?
Answer : मौसमी फलों और खाद्यानों से बनाए जाने वाले कई व्यंजन अब नहीं बनाए जाते हैं, क्योंकि लोगों के पास न तो उतना समय है और न तो उतना परिश्रम करने की क्षमता है।Show Answer :
Question : स्थानीय व्यंजनों की दुनिया सीमित होती जा रही है? इसके क्या कारण हैं ?
Answer : स्थानीय व्यंजनों की दुनिया सीमित होती जा रही है, क्योंकि उनमें गुणवत्ता में कमी, नए-नए व्यंजनों की उपलब्धता तथा समय की कमी के कारण व्यंजनों को कम तैयार करना है।Show Answer :
Question : इस गद्यांश के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहते हैं और क्यों?
Answer : इस गद्यांश के माध्यम से लेखक कहना चाहते हैं कि स्थानीय व्यंजनों यानी खाद्य पदार्थों के प्रचलन में काफ़ी कमी आई है। इसके दो प्रमुख कारण हैं एक तो चीज़ों की गुणवत्ता कम होना, दूसरा विशेष तरीके से किसी चीज़ को बनाने के लिए लोगों के पास समय की कमी है।Show Answer :
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हम खान-पान से भी एक-दूसरे को जानते हैं। इस दृष्टि से देखें तो खानपान की नई संस्कृति में हमें राष्ट्रीय एकता के लिए नए बीज भी मिल सकते हैं। बीज भलीभाँति तभी अंकुरित होंगे जब हम खानपान से जुड़ी हुई दूसरी चीज़ों की ओर भी ध्यान देंगे। मसलन हम उस बोली-बानी, भाषा-भूषा आदि को भी किसी-न-किसी रूप में ज्यादा जानेंगे, जो किसी खानपान-विशेष से जुड़ी हुई है। इसी के साथ ध्यान देने की बात यह है कि ‘स्थानीय’ व्यंजनों का पुनरुद्धार भी ज़रूरी है जिन्हें अब ‘एथनिक’ कहकर पुकारने का चलन बहुत है। ऐसे स्थानीय व्यंजन केवल पाँच सितारा होटलों के प्रचारार्थ नहीं छोड़ दिए जाने चाहिए। पाँच सितारा होटलों में वे कभी-कभार मिलते रहें, पर घरों-बाज़ारों से गायब हो जाएँ तो यह एक दुर्भाग्य ही होगा। अच्छी तरह बनाई-पकाई गई पूड़ियाँकचौड़ियाँ-जलेबियाँ भी अब बाज़ारों से गायब हो रही हैं। मौसमी सब्जियों से भरे हुए समोसे भी अब कहाँ मिलते हैं ? उत्तर भारत में उपलब्ध व्यंजनों की भी दुर्गति हो रही है?
Question :खानपान की नई संस्कृति का क्या लाभ है ?
Answer : खानपान की नई संस्कृति का यह लाभ है कि इससे राष्ट्रीय एकता की भावना जाग्रत होती है। खान-पान की चीज़ों के अतिरिक्त पहनावा-पोशाक एवं अन्य बातों की ओर भी हमारा ध्यान जाएगा।Show Answer :
Question : स्थानीय व्यंजनों को क्या कहकर पुकारा जाने लगा है? और क्यों?
Answer : स्थानीय व्यंजनों को ‘एथनिक’ कहकर पुकारा जाने लगा है क्योंकि ये किसी स्थान और ‘समुदाय’ विशेष से संबंधित हैं।Show Answer :
Question : स्थानीय व्यंजनों का पुनरुद्धार क्यों ज़रूरी है?
Answer : स्थानीय व्यंजनों का पुनरुद्धार इसलिए ज़रूरी है क्योंकि इसका प्रचलन निरंतर कम होता जा रहा है। इसके बारे में जानना और अपनाना आवश्यक हो गया है।Show Answer :
Question : स्थानीय व्यंजनों के उद्धार के लिए क्या-क्या प्रयास किया जाना चाहिए?
Answer : स्थानीय व्यंजनों के उद्धार के लिए इन्हें पाँच सितारा होटलों के प्रचार के भरोसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए। समय-समय पर घरों में इन्हें बनाना चाहिए और बाज़ार में भी इनकी बिक्री को बढ़ावा देना चाहिए।Show Answer :
Question : किन चीज़ों को होटलों पर नहीं छोड देना चाहिए?
Answer : स्थानीय व्यंजनों को ‘एथनिक’ के नाम पर पाँच सितारा होटलों के ऊपर नहीं छोड़ देना चाहिए।Show Answer :
Question : उत्तर भारत के व्यंजनों की दुर्गति हो रही है- लेखक ने ऐसा क्यों कहा?
Answer : उत्तर भारत के व्यंजनों की दुर्गति हो रही है-लेखक ने इसलिए कहा क्योंकि उत्तर भारत के कुछ व्यंजन धीरे-धीरे बाज़ारों से गायब होते जा रहे हैं। अच्छी तरह बनाई गई पूड़ियाँ-कचौड़िया, मौसमी सब्जियों से भरे समोसे, जलेबियाँ अब दिखाई नहीं देती।Show Answer :
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यह भी एक कड़वा सच है कि कई स्थानीय व्यंजनों को हमने तथाकथित आधुनिकता के चलते छोड़ दिया है और पश्चिम की नकल में बहुत-सी ऐसी चीजें अपना ली हैं, जो स्वाद, स्वास्थ्य और सरसता के मामले में हमारे बहुत अनुकूल नहीं हैं।
हो यह भी रहा है कि खानपान की मिश्रित संस्कृति में हम कई बार चीज़ों का असली और अलग स्वाद नहीं ले पा रहे। अकसर प्रीतिभोजों और पार्टियों में एक साथ ढेरों चीजें रख दी जाती हैं और उनका स्वाद गड्डमड्ड होता रहता है। खानपान की मिश्रित या विविध संस्कृति हमें कुछ चीजें चुनने का अवसर देती है, हम उसका लाभ प्रायः नहीं उठा रहे हैं। हम अकसर एक ही प्लेट में कई तरह के और कई बार तो बिलकुल विपरीत प्रकृतिवाले व्यंजन परोस लेना चाहते हैं।
Question :कड़वा सच क्या है?
Answer : कड़वा सच यह है कि हमने आधुनिकता की दौड़ में स्थानीय व्यंजनों का प्रयोग कम कर दिया है।Show Answer :
Question : स्थानीय व्यंजन कई कारणों से छोड़े जा रहे हैं, परंतु सबसे दुखद क्या है ?
Answer : स्थानीय व्यंजन कई कारणों से छोड़े जा रहे हैं, लेकिन सबसे दुखद यह है कि कई बार केवल आधुनिकता के नाम पर हम कुछ स्थानीय व्यंजनों को बनाते हैं, तो कभी उसका इस्तेमाल कम कर देते हैं।Show Answer :
Question : क्या खानपान में पश्चिम की नकल सही हैं?
Answer : आधुनिकता की होड़ में स्थानीय व्यंजनों का प्रयोग कम करना सही नहीं है। खानपान में पश्चिम देशों की नकल कर किसी वस्तु को अपनाने से पहले हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि वह वस्तु हमारे स्वाद और स्वास्थ्य के अनुकूल है या नहीं।Show Answer :
Question : खानपान की मिश्रित संस्कृति के हम कई बार चीज़ों का असली स्वाद क्यों नहीं ले पाते?
Answer : खानपान की मिश्रित संस्कृति में हम कई चीज़ों का असली स्वाद नहीं ले पाते क्योंकि एक ही बार में ढेरों चीजें परोस दी जाती हैं। अलग-अलग रूप में किसी का भी स्वाद नहीं लिया जाता।Show Answer :
Question : उपरोक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
Answer :Show Answer :
पाठ का नाम-खानपान की बदलती तसवीर
लेखक का नाम-प्रयाग शुक्ल
Question : पिछले कितने वर्षों में हमारी खान पान की संस्कृति में बदलाव आयाहै?
(a) सात-आठ वर्षों से
(b) दस-पंद्रह वर्षों से
(c) दो चार वर्षों से
(d) पाँच-सात वर्षों से
Answer :(b) दस-पंद्रह वर्षों सेShow Answer :
Question : छोले भटूरे’ कहाँ का व्यंजन माना जाता है?
(a) आगरा
(b) दिल्ली
(c) मथुरा
(d) मुम्बई
Answer :(b) दिल्लीShow Answer :
Question : युवा पीढ़ी इनमें से किसके बारे में बहुत अधिक जानती है?
(a) स्थानीय व्यंजन
(b) नए व्यंजन
(c) खानपान की संस्कृति
(d) इनमें से कोई नहीं।
Answer :(c) खानपान की संस्कृतिShow Answer :
Question : विज्ञापित रूप से तेजी से घर-घर में अपनी जगह कौन बना रहा है ?
(a) आलू-चिप्स
(b) बर्गर
(c) हल्दी
(d) दाल
Answer :(a) आलू-चिप्सShow Answer :
Question : खान-पान की मिश्रित संस्कृति क्या है?
(a) एक साथ विभिन्न क्षेत्रों के व्यजनों का होना
(b) सब चीज इकट्ठे करके खाना
(c) सबका मिल-जुलकर भोजन करना
(d) प्रीतिभोज का आयोजन करना
Answer :(a) एक साथ विभिन्न क्षेत्रों के व्यजनों का होनाShow Answer :
Question : ढाबा संस्कृति कहाँ तक फैल चुकी है?
(a) दक्षिण भारत
(b) उत्तर भारत तक
(c) पूरे देश में
(d) कहीं नहीं।
Answer :(d) कहीं नहीं।Show Answer :
Question : खान-पान की इस बदलती हुई संस्कृति में सबसे अधिक प्रभावित कौन हआ ?
(a) बड़े
(b) बूढ़े
(c) युवा पीढ़ी
(d) उपरोक्त सभी
Answer :(c) युवा पीढ़ीShow Answer :
Question : ढोकला-गठिया कहाँ का व्यंजन है?
(a) महाराष्ट्र का
(b) पंजाब का
(c) गुजरात का
(d) बिहार क
Answer :(c) गुजरात काShow Answer :
Question : किसी स्थान का खान-पान भिन्न क्यों होता है?
(a) मौसम के अनुसार, मिलने वाले खाद्य पदार्थ
(b) रुचि के आधार पर
(c) आसानी से वस्तुओं की उपलब्धता
(d) उपर्युक्त सभी
Answer :(d) उपर्युक्त सभीShow Answer :
Question : आजादी के बाद किन-किन चीजों में एक नया विस्तार हआ ?
(a) उद्योग-धंधों में
(b) नौकरियों-तबादले में
(c) (a) एवं (b) दोनों
(d) इनमें से की नहीं
Answer :(c) (a) एवं (b) दोनोंShow Answer :
Question : इडली-डोसा-बड़ा-साँभर रसम किस क्षेत्र के व्यंजन हैं?
(a) दक्षिण कोरिया
(b) दक्षिण भारत
(c) पश्चिमी भारत
(d) जापान
Answer :(b) दक्षिण भारतShow Answer :
Question : इनमें से किसे फास्ट फूड के नाम से जाना जाता है।
(a) सेव
(b) रोटी
(c) दाल
(d) बर्गर
Answer :(d) बर्गरShow Answer :
Question : हमें खानपान की नयी संस्कृति में किस के लिए नऐ बीज भी मिल सकते हैं ?
(a) राष्ट्रीय एकता के लिए
(b) संस्कृति के लिए
(c) विचारों के लिए
(d) उपरोक्त सभी के लिए
Answer :(a) राष्ट्रीय एकता के लिएShow Answer :
Question : यहाँ लेखक किस संस्कृति की बात कर रहा है?
(a) खान-पान
(b) बोलचाल
(c) पहनावा
(d) दिखावा
Answer :(a) खान-पानShow Answer :
Question : ढाबा संस्कृति’ कहाँ तक फैल चुकी है?
(a) पूरे देश में
(b) दक्षिण भारत तक
(c) उत्तर भारत तक
(d) पूरे विश्व में
Answer :(a) पूरे देश मेंShow Answer :
Question : किसकी मिश्रित संस्कृति में हम कई बार चीजों का असली और अलग स्वाद नहीं ले पा रहें हैं ?
(a) सभ्यता
(b) खानपान
(c) विविध
(d) उपरोक्त सभी
Answer :(b) खानपानShow Answer :
Question : बर्गर, नूडल्स’ जैसी चीजें कैसे भोजन की श्रेणी में आती है?
(a) पौष्टिक भोजन
(b) गरिष्ठ भोजन
(c) सस्ता भोजन
(d) फ़ास्ट फूड
Answer :(d) फ़ास्ट फूडShow Answer :
Question : उत्तर भारत की ढाबा’ संस्कृति पर क्या परिणाम हुआ है?
(a) पूरी तरह समाप्त हो गई
(b) पूरे देश में फैल गई है
(c) सीमित जगहों पर ही उपलब्ध है
(d) कोई परिवर्तन नहीं हुआ
Answer :(b) पूरे देश में फैल गई हैShow Answer :
Question : इनमें से कौनसा खाद्य पदार्थ दक्षिण भारत का व्यंजन है ?
(a) दाल-बाटी
(b) पूरन पोली
(c) वड़ा सांभर
(d) ढोकल
Answer :(c) वड़ा सांभरShow Answer :
Question : स्थानीय’ शब्द में प्रत्यय होगा?
(a) स्थान
(b) स्था
(c) नीय
(d) ईय
Answer :(d) ईयShow Answer :
Question : खानपान की बदलती संस्कृति ने किसे अधिक प्रभावित किया।
(a) सभी को
(b) पुरानी पीढ़ी को
(c) किसी को नहीं
(d) नई पीढ़ी को।
Answer :(d) नई पीढ़ी कोShow Answer :
Question : पेड़े कहाँ के प्रसिद्ध होते हैं?
(a) बनारस
(b) मुंबई
(c) मथुरा
(d) आगरा
Answer :(c) मथुराShow Answer :
Question : मुंबई की क्या चीज़ लोकप्रिय खान-पान में है?
(a) छोले-भठूरे
(b) दाल-रोटी
(c) इडली-डोसा
(d) पाव भाजी।
Answer :(d) पाव भाजी।Show Answer :
Question : सुखाना-छीलना’ में समास है?
(a) द्वंद्व समास
(b) द्विगु समास
(c) कर्मधारय समाज
(d) तत्पुरुष समाज
Answer :(a) द्वंद्व समासShow Answer :
Question : भारतीय शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय इनमें से कौन-सा है?
(a) य
(b) तीय
(c) इय
(d) ईय।
Answer :(d) ईय।Show Answer :